ठहरो ! सिर को अपने ठंडा रखो दूर बदन के अपने ही डंडा रखो क्यों पाला करते बुढ़ापे की सन ठहरो ! सिर को अपने ठंडा रखो दूर बदन के अपने ही डंडा रखो क्यों पाला करते बु...
न जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है न जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ ...
तुम हर बार जीते और मैं हर बार हारी तुम हर बार जीते और मैं हर बार हारी
जलती कली पीया से मिलन लागे, जलती कली पीया से मिलन लागे ! जलती कली पीया से मिलन लागे, जलती कली पीया से मिलन लागे !
दिन-रात करते करते दमन, हत्या ही कर दी तुमने मेरी उमंगों की, मेरे अरमानों की, तुमने तो दिन-रात करते करते दमन, हत्या ही कर दी तुमने मेरी उमंगों की, मेरे अरमानों की, ...
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।